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मंगलवार, 1 अक्तूबर 2013

कहूँ तो दिल से और क्या कहूँ मै श्याम

राधे श्याम आओ सियाराम आओ,
भक्त को अपने बाट सुझाओ।।

बहता था जहाँ ममता का सागर,
निर्ममता वहाँ आज उजागर,
बहती थी जहाँ नित पावन गंगा,
कलुष मात्र वहाँ ख्याति है चंगा।।

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