राधे श्याम आओ सियाराम आओ, भक्त को अपने बाट सुझाओ।।
बहता था जहाँ ममता का सागर, निर्ममता वहाँ आज उजागर, बहती थी जहाँ नित पावन गंगा, कलुष मात्र वहाँ ख्याति है चंगा।।
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