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शुक्रवार, 10 अप्रैल 2020

दोहे

राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट ।
एक दिन झूठा होयेगा, गाड़ी-बंगला-सूट ।।

कृष्ण कृष्ण औ कृष्ण में, नहीं है कोई भेद ।
भेद नहीं वो जानता, जिसके मन में छेद ।।

दूर-दूर तक देव हैं, जे पूजें ते पाय ।
कण-कण व्यापित कृष्ण हैं, नाम से होत सहाय।।

रचनाकार :- #अंगिरा_प्रसाद_मौर्य 

स्रोत : #भगवद्गीता

जय श्री कृष्ण !