राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट ।
एक दिन झूठा होयेगा, गाड़ी-बंगला-सूट ।।
कृष्ण कृष्ण औ कृष्ण में, नहीं है कोई भेद ।
भेद नहीं वो जानता, जिसके मन में छेद ।।
दूर-दूर तक देव हैं, जे पूजें ते पाय ।
कण-कण व्यापित कृष्ण हैं, नाम से होत सहाय।।
रचनाकार :- #अंगिरा_प्रसाद_मौर्य
स्रोत : #भगवद्गीता
जय श्री कृष्ण !