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बुधवार, 24 अक्तूबर 2018

जय श्री कृष्ण

व्यक्ति अपने आप को ठग सकता है दूसरे को नहीं !
सांसारिक चीजें सब नाशवान(नश्वर) हैं।
कोई किसी का पैसा, किसी का समय, किसी के आभूषण अथवा किसी के इज्जत को वास्तव में ठग नहीं सकता !

ठगने वाले का ये भ्रम हो सकता है कि उसने किसी को ठग लिया, वास्तव में वो अपने आप को ठगता है, अपने चरित्र को कुचरित्र में बदलने लगता है, अपने व्यक्तित्व को दुराचारी बनाता है।

रावण ने भी सबको ठगा था, कंस ने भी सबको ठगा था और कोंग्रेस ने भी सबको ठगा ! वास्तव में तो इनलोगों ने अपने आप को ठगा, अपने चरित्र को ठगा और व्यक्तित्व को भी ठग लिया, जब सामाजिक भावनाओं की बात आई तो इनके लिए सहानुभूति रखने वाले या तो परास्त हो चुके थे या संसार ही छोड़ चुके थे।

जय श्री कृष्ण

आपका शुभचिंतक : Angira Prasad Maurya