जहाँ तहाँ हो दीनदयाल, हे गोपाल! हे गोपाल!
तुम्हीं हो जग के रक्षापाल, हे गोपाल! हे गोपाल!
जहाँ में तुम्हरी महिमा न्यारी, श्रेष्ठ बताते हैं तृपुरारी,
सृष्टि जगत के पालनहारी, कहते तुमको सब गिरधारी,
गरजो तुम आये भूचाल, हे गोपाल! हे गोपाल!
युद्ध में अर्जुन को समझाए, गीता का उपदेश बताये,
भीष्म-धनुहिया तुम्ही डिगाए, कौरव का विधवंश कराये,
अब भी गणना है विकराल, हे गोपाल! हे गोपाल!
कौरव हैं यँह बड़ी लहेड़ी, मेरे हाथ कर्तव्य की बेड़ी,
अब कार्य यहाँ भी करूँ तो कैसे, घृणित यहाँ कानून बसेरी,
नित माँ का होता यहाँ हलाल, हे गोपाल! हे गोपाल!
नन्द यहाँ नदलाल कहायो, गऊ-चरा गोपाल कहायो,
मार-मधू मधुसूदन तुम हो, दुर्जन को महाकाल बतायो,
फिर धरा पे आओ हे महाकाल! हे गोपाल! हे गोपाल!
~~~~~~~~~APM
दिनाँक:- ०९/०३/२०१४
~~~~~~~~~अंगिरा प्रसाद मौर्या
>>>>>>>जय गोपाल<<<<<<<
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